नकली आफिस दिखाकर नौकरी के नाम पर 37 लाख की ठगी---

Jul 31, 2023 - 00:59
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नकली आफिस दिखाकर नौकरी के नाम पर 37 लाख की ठगी---

अजमेर अली-गोरखपुर INewsUP

 गोरखपुर। शाहपुर पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है। दोनो एफसीआई में जॉब दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से दो बार में 19 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने पकड़े गए दोनो जालसाजों विवेक सागर निवासी अम्बेडकर नगर मिर्जापुर पचपेड़वा थाना गोरखनाथ व भारतेन्दु मिश्रा निवासी ग्राम मछरगावां डुमरी थाना अहिरोली बाजार जनपद कुशीनगर को कोर्ट में पेशकर जेल भिजवा दिया। एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया की मऊ के उसूरी निवासी राहुल कुमार पुत्र विश्वनाथ प्रसाद को एफसीआई में नौकरी दिलाने के लिए शंकर दयाल राजभर निवासी ग्राम सराय बहादुर, पो शहबाज कुली, थाना- नोनहरा, गाजीपुर ने 26 जून 2022 को गोरखपुर लाया। गोरखपुर में कौवाबाग चौकी क्षेत्र अन्तर्गत श्याम कुंज कालोनी में उसको ले जाकर एफसीआई आफिस दिखाया। साथ ही अशोक सिंह चौहान नामक व्यक्ति से मिलवाया तथा बताया कि ये एफसीआई के अधिकारी है इन्हीं के माध्यम से भर्ती होनी है। उसके बाद उसी दिन राहुल के मोबाइल पर फोन कर पादरी बाजार बुलाया गया। जब उस स्थान पर पीड़ित राहुल पहुचा तो राजू सिंह निवासी कुडौली, लार रोड देवरिया उससे मील। 800000 रुपये साथ में लेकर वहां से जेल बाईपास रोड पर एकान्त स्थान पर ले गया । वंहा नौकरी दिलाने की जिम्मेदारी ली गयी । तथा नौकरी लगने के बाद 9,00000 रुपया देने हेतु बताया गया । कुछ दिन बाद राहुल को फोन करके बुलाकर पुनः 10,00,000 रुपये उसी स्थान पर राजू सिंह व शंकर दयाल राजभर और अशोक सिंह चौहान व एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा लिया गया । आवेदक के मित्र सफीक अहमद पुत्र खलील अहमद निवासी गमा व पोस्ट सहबाजकुली थाना नौनहरा जनपद गाजीपुर से भी नौकरी के नाम पर 1900000 रुपया लिया गया । उक्त लोगों द्वारा फर्जी एफसीआई का ज्वाइनिंग लेटर तथा अपना फर्जी आधार कार्ड दिया गया । आवेदक राहुल एवं उसके मित्र द्वारा पैसा वापस मांगने पर पैसा वापस न कर जान से मारने की धमकी देने लगे। इस प्रकार इन लोगो ने भिन्न-भिन्न लोगो से अपना नाम पता बदलकर धोखा देकर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखो रुपये का ठगी किया है । पुलिस राहुल की तहरीर पर केस दर्ज कर जांच में जुट गई। रविवार को एक साल बाद पुलिस दो आरोपियों को गिरफ्तार की।पुछताछ में दोनो ने बताया कि वे बेरोजगार लोगो को नौकरी दिलाने के नाम पर एक संगठित गिरोह बनाकर सरकारी आफिस को दिखाकर दूसरे व्यक्ति के नाम पर लिये हुए सिम कार्ड व मोबाइल नम्बर से वार्ता कर भिन्न भिन्न जगहों पर बुलाकर रुपया लेते है। आरोपी अपना असली नाम पता छुपाते हुए फर्जी नाम पता का आधार कार्ड तथा सम्बन्धित विभाग के नियुक्ति पत्र फर्जी तरीके से बनाकर दे देते है।इन लोगो ने भिन्न भिन्न थाना क्षेत्रों व भिन्न- भिन्न जनपदों मे बेरोजगार लोगो को अपना शिकार बनाया है । विवेक पर इससे पहले 6 केस दर्ज हैं।

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